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हमारा ध्येय

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हमारा ध्येय

  • दार्शनिक, आध्यात्मिक, वैदिक और सांस्कृतिक संस्थानों का सञ्चालन करना |
  • संस्कृत पाठ शाळा, विद्यालय, महाविद्यालय का सञ्चालन करना |
  • आदर्श गोपालन करना
  • भारतीय गौवंशो के संरक्षण एवं संवर्धन करना
  • गौवंशो की नस्ल के आधार पर अलग अलग रख रखाव की व्यवस्था एवं संरक्षण / संवर्धन करना
  • पंचगव्य आधारित अवयवों एवं गौमूत्र आदि के संयोजन का उपयोग करके आयुर्वैदिक दवाओं की एक विस्तृत शृंखला विकसित करना
  • निशुल्क आयुर्वैदिक परामर्श - आम जनता के लिए गौशाला में एक मुफ्त आयुर्वैदिक निदान और उपचार केंद्र की स्थापना करना
  • गौ गोबर एवं गौमूत्र से बने उत्पाद के माध्यम से जैविक खेती को प्रोत्साहन देना
  • क्षेत्र में बेरोजगार लोगो को गौपालन के माध्यम से रोजगार के अवसर प्रदान करना

श्री रुक्मिणी बल्लभ गुरुकुल

भारतीय ज्ञान परंपरा को विकसित करने के उद्देश्य से श्री रुक्मिणी बल्लभ गुरुकुल (स्वामी महानंद ब्रह्मचारी संस्कृत उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय और श्री रुक्मिणी बल्लभ वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय), वैदिक शिक्षा प्रदान करता है| हमारे प्राचीन ऋषियों से प्रेरित एक प्रणाली जो गुरु और शिष्यपरंपरा पर आधारितघनिष्ठ संबंध स्थापितकरना है |

पूज्य महाराज श्री का संकल्पहै कि शिक्षा के माध्यम से समाजमें नैतिक मूल्यों कोअक्षुण्ण रखनाऔर आत्मसात कराना आवश्यक है। यह तभी संभव है जब हमारे वेद, पुराण, उपनिषद आदि धर्मग्रंथों को जीवित रखा जाए | नैतिक एवं मानवीय मूल्यों को समझने के लिए उनका बार-बार संदर्भ लिया जाए। हमारे अधिकांश ग्रंथ मुख्यतः संस्कृत में हैं। इन्हें सटीक रूप से समझने के लिए संस्कृत सीखना और इसे जीवंत स्वरूप प्रदान अकर्ण अत्यंत आवश्यक है ।

इन्ही उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, श्री रुक्मिणी बल्लभ गुरुकुल की स्थापनाकी गई, जो निम्नलिखित गुणों वाले कुशल छात्रों को तैयार करेगा:

  • सभी विषयों विशेषकर संस्कृत और व्याकरण में सुशिक्षित
  • वेदों का संपूर्ण ज्ञान होना।
  • अपने जीवन को नियम (अनुशासन) और संयम (संयम) के साथ संचालित करने में सक्षम।
  • ज्ञान का 'विक्रेता' नहीं बल्कि 'वितरक'।
  • मानवीय मूल्यों को प्रेरित करने के लिए वैदिक सांस्कृतिक विरासत को पढ़ाने, विकसित और विस्तार करने के लिए संवाहकबनें।

गुरुकुल में छात्रों को शहरी क्षेत्रों से दूर, खुले और प्राकृतिक वातावरण में कड़ी मेहनत, संयम और अनुशासन के आवश्यक मूल्य सिखाए जाते हैं। गुरुकुल का हरा-भरा, प्राकृतिक वातावरण ऐसा लगता है मानो आप उस समय में वापस चले गए हों जब महान भारतीय संत अपने विद्यार्थियों को अदम्य प्रकृति की भव्यता में गहराई से शिक्षा देते थे।

श्री रुक्मिणी बल्लभ गुरुकुल कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को शिक्षा प्रदान करता है, उसके बाद बीए/ शास्त्री और एमए (आचार्य) स्तर पर स्नातकोत्तर विषयों में व्याकरण, शास्त्रों का अध्ययन, संध्योपासना, वेद, साहित्य, ज्योतिष और दर्शनशास्त्र के साथ-साथ अन्य पाठ्येतर गतिविधियों और प्रबंधन कौशल आदिकी शिक्षा प्रदान करता है।

छात्र न केवल वेदों और उपनिषदों का ज्ञान प्राप्त करते हैं, बल्कि अंग्रेजी और गणित, आधुनिक विज्ञान, कंप्यूटर, कला और शिल्प और संगीत जैसे विषयों का भी ज्ञान प्राप्त करते हैं।

गुरुकुल में शिक्षा, आवास एवं भोजन पूर्णतः निःशुल्क है।

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